Sunday, December 1, 2019

लेखांकन के विभिन्न कदम क्या हैं ?

लेखांकन के निम्नलिखित कदम हैं :-


  1. आर्थिक घटनाएँ :- व्यावसायिक संगठनों का सम्बन्ध आर्थिक / वित्तीय घटनाओं से होता है, जिन्हें मुद्रा क रूप में मापा जा सकता है।  माल का क्रय, मशीनरी का क्रय, वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री, इत्यादि आर्थिक घटनाएं हैं। 
  2. व्यावसायिक लेन-देनों की पहचान करना :- इसका अभिप्राय यह निर्धारित करना है की लेन-दिनों का लेखा किया जाए अर्थात उन घटनाओं की पहचान करना जिनका अभिलेखन किया जाना है। 
  3. लेन-देनों का मापन :- लेखा पुस्तकों में उन्हीं लेन-देनों का अभिलेखन किया जाता है, जिनका मूल्यांकन मुद्रा के रूप में संभव है।  उदाहरण के लिए, माल की आपूर्ति हेतु आदेश देना, कर्मचारियों की नियुक्ति महत्वपूर्ण घटनाओं है, पर इनका लेखा नहीं किया जाता है, क्योंकि ये मुद्रा के रूप में मापनीय नहीं है। 
  4. अभिलेखन :- लेखा पुस्तकों में वित्तीय स्वभाव के लेन-दिनों का लेखा तिथिवार नियमानुसार किया जाता है।  अभिलेखन इस प्रकार किया जाता है कि परंपरा के अनुसार इनका सारांश तैयार किया जा सके। 
  5. सम्प्रेषण :- लेखांकन सूचनाओं का उपयोग विभिन्न प्रकार के लोग व संगठन करते हैं।  अतः लेन-दिनों का अभिलेखन इस प्रकार किया जाता है एवं सारांश इस प्रकार तैयार किया जाता है कि लेखांकन सूचनाएं आंतरिक एवं बाहय उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी हो सकें। लेखांकन सुचना लेखा प्रलेखों के माध्यम से नियमित रूप से सम्प्रेषित की जाती है। 
  6. संगठन :- संगठन से अभिप्राय किसी व्यावसायिक उद्यम से है, जिसका उद्देश्य लाभ कमना है या लाभ कमना नहीं है। 
  7. सूचना में अभिरुचि रखने वाले उपयोगकर्ता :- लेखांकन सूचना के आधार पर  विभिन्न उपयोगकर्ता निर्णय लेते है।  सूचनाओं के उपयोगकर्ताओं में निवेशक, लेनदार, बैंक, वित्तीय संस्थाएं, प्रबंधक, कर्मचारी आदि उल्लेखनीय है। 

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