Wednesday, May 16, 2018

सम्पत्तियाँ क्या होती हैं ? - What are the Assets?

सम्पत्तियों से आशय उद्यम के आर्थिक स्त्रोत से है जिन्हें मुद्रा में व्यक्त किया जा सकता है, जिनका मूल्य होता है और जिनका उपयोग व्यापर के संचालन व आय अर्जन के लिए किया जाता है।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि सम्पत्तियाँ वे स्त्रोत हैं जो भविष्य में लाभ पहुंचाते हैं।

उदाहरण के लिए, मशीन, भूमि, भवन, ट्रक आदि। 
इस तरह सम्पत्तियाँ व्यवसाय के मूल्यवान साधन हैं जिन पर व्यवसाय का स्वामित्व है तथा जिन्हे मुद्रा में मापी जाने वाली लागत पर प्राप्त किया गया है।

सम्पत्तियों के प्रकार निम्नलिखित हैं :-

  • स्थायी सम्पत्तियाँ (Fixed Assets):- स्थायी सम्पत्तियों से आशय उन सम्पत्तियों से है जो व्यवसाय में दीर्घकाल राखी जा सकती हैं और जो पुनः विक्रय के लिए नहीं हैं। 
          उदाहरण - भूमि, भवन, मशीन, उपस्कर आदि। 
  • चालु सम्पत्तियाँ (Current Assets):- चालु सम्पत्तियों से आशय उन सम्पत्तियों से है जो व्यवसाय में पुनः विक्रय के लिए या अल्पावधि में रोकड़ में परिवर्तित करने के लिए राखी जाती है। इसलिए इन्हें चालु सम्पत्तियाँ, चक्रीय सम्पत्तियाँ और परिवर्तनशील सम्पत्तियाँ भी कहा जाता है। 
           उदाहरण :- देनदार, पूर्वदत्त व्यय, स्टॉक, प्राप्य बिल आदि। 
  • अमूर्त सम्पत्तियाँ (Intangible Assets):- अमूर्त सम्पत्तियाँ वे सम्पत्तियाँ हैं जिनका भौतिक अस्तित्व नहीं होता है, किन्तु मौद्रिक मूल्य होता है। 
           उदाहरण :- ख्याति, ट्रेड मार्क, पेटेंट्स इत्यादि। 
  • मूर्त सम्पत्तियाँ (Tangible Assets):- मूर्त  सम्पत्तियाँ वे सम्पत्तियाँ हैं जिन्हें देखा तथा छुआ जा सकता हो अर्थात जिनका भौतिक अस्तित्व हो। 
          उदाहरण :- भूमि, भवन, मशीन, संयंत्र, उपस्कर, स्टॉक आदि। 
  • क्षयशील सम्पत्तियाँ (Wasting Assets):- क्षयशील सम्पत्तियाँ वे सम्पत्तियाँ हैं जो प्रयोग या उपभोग के कारण घटती जाती हैं या नष्ट हो जाती है। 
           उदाहरण :- खानें, तेल के कुँए आदि।  


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Location: Faridabad, Haryana, India

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