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There is nothing wrong with good accounting, except that it does not necessarily lead to good science.

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Aggressive accounting does not mean illegal accounting.

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Accounting does not make corporate earnings or balance sheets more volatile. Accounting just increases the transparency of volatility in earnings.

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Tuesday, December 28, 2021

आहरण पर ब्याज - Interest On Drawing

यदि फर्म पूंजी पर ब्याज देती है तो उसे व्यवसाय जब स्वामी द्वारा किये गए आहरण पर ब्याज वसूल भी कारना चाहिए। ऐसा ब्याज स्वामी के लिए व्यय तथा व्यवसाय के लिए लाभ है। अतः इसके लिए आहरण खाते को डेबिट तथा  ब्याज खाते को क्रेडिट किया जाता है।



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पूंजी पर ब्याज के journal ?- Interest On Capital

व्यवसाय की सही कुशलता मापने के लिए यह एक सामान्य प्रथा है कि स्वामी द्वारा लगाई गई पूंजी पर व्यवसाय स्व ब्याज वसूल किया जाए। ऐसा ब्याज लगाने के बाद बचे हुए लाभ ही व्यवसाय द्वारा अर्जित किये गए वास्तविक लाभ माने जाएंगे। पूंजी का ब्याज व्यवसाय के लिए हानि है अतः नाममात्र खाते क्व नियम के अनुसार ब्याज खाते (Interest A/c) कक डेबिट किया जाता है। व्यवसाय के स्वामी की दृष्टि से ऐसा ब्याज लाभ है। ब्याज से उनकी पूंजी में व्रद्धि होती है। अतः स्वामी के पूंजी खाते (Capital A/c) को क्रेडिट किया जाता है।


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ह्रास (Depreciation) क्या है और इसका लेखा किस प्रकार किया जाता है ?


टूट-फूट और समय व्यतीत होने के कारण संपत्तियों के मूल्य में स्थायी रूप से जो निरन्तर कमी आती रहती है उसे ह्रास कहते हैं। यह एक व्यापारिक खर्च है यद्यपि इसका भुगतान नकदी (Cash) में नहीं किया जाता है। ह्रास एक नाममात्र खाता है क्योंकि यह हानि है और इसलिए इसे डेबिट करते हैं। संपत्ति खाते को क्रेडिट करते हैं क्योंकि इसके मूल्य में कमी आती है। ह्रास के लिए निम्न प्रविष्टि की जाती है:-

Depreciation A/c               Dr.
             To Assets A/c




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पूर्वदत्त व्यय (Prepaid Expenses) क्या होते हैं और इसका लेखा कैसे किया जाता है ?

कुछ खर्चे ऐसे होते हैं जो अगले वर्ष से सम्बन्धित होते हैं परन्तु उनका भुगतान इसी वर्ष में अग्रिम (Advance) कर दिया गया है। इन्हें पूर्वदत्त व्यय (Prepaid Expenses) कहते हैं। इन व्ययों का लाभ अगले वर्ष उठाया जाएगा। जैसे कि, 1 जुलाई, 2021 को वर्ष के लिए 1,200 बीमा प्रीमियम चुकाया गया। 1 जुलाई, 2021 को निम्न प्रविष्टि बनेगी-

Insurance premium A/c         Dr.        1,200   
                 To Cash A/c                                  1,200

31 मार्च, 2022 को जब पुस्तकें बन्द की जाएंगी तो 1 अप्रैल, 2022 से 30 जून, 2022 तक का 3 माह का बीमा प्रीमियम पूर्वदत्त(Prepaid) माना जायेगा और 31 मार्च, 2022 को इसकी निम्न प्रविष्टि बनानी होगी- 

Prepaid Insurance A/c                   Dr.            1,200
            To Insurance Premium A/c                             1,200

पूर्वदत्त बीमा खाता (Prepaid Insurance A/c) संपत्ति होता है। इसे डेबिट इसलिए किया जाता है क्योंकि यह उन व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है जिन्हें अग्रिम भुगतान किया गया है। अतः पूर्वदत्त व्यय एक प्रतिनिधि व्यक्तिगत खाता होता है।


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Sunday, December 26, 2021

अदत्त व्यय(Outstanding Expenses) क्या है और इसका लेखा कैसे किया जाता है ?

सभी व्यवसायों में प्रायः कुछ खर्चे ऐसे रह जाते हैं जिनका भुगतान किन्ही कारणों से लिखा अवधि समाप्त होने के बाद भी नहीं किया गया हो। ऐसे व्ययों को अदत्त व्यय कहते हैं। यह ऐसे व्यय होते हैं जिनका भुगतान चालू वर्ष में कर देना चाहिए था परंतु किया नहीं गया है। 
जैसे कि किसी कर्मचारी को ₹ 1,000 मासिक वेतन दिया जाता है और वर्ष के दौरान उसे केवल 11 माह का ₹ 11,000 रुपये वेतन दिया गया है तो एक माह का ₹ 1,000 का वेतन अदत्त वेतन कहलाएगा। इसकी निम्न प्रविष्टि होगी-
           Salary A/c.                     Dr.             1,000
                  To Outstanding Salary A/c              1,000

अदत्त व्यय खाता (Outstanding Expenses A/c) दायित्व होता है। इसे क्रेडिट इसलिए किया जाता है क्योंकि यह उन व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है जिन्हें हमने भुगतान देना है अतः यह 'प्रतिनिधि व्यक्तिगत खाता' बन जाता है।


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छूट अथवा कटौती क्या होता है ?-What is Exemption or Discount ?

छूट अथवा कटौती दो प्रकार की होती है:-
(1) व्यापारिक छूट (Trade Discount)
(2) नकद छूट (Cash Discount)

(1) व्यापारिक छूट (Trade Discount):- यह छूट थोक व्यापारी अथवा निर्माता द्वारा सूची मूल्य (List Price) पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में फुटकर व्यापारी को दी जाती है। यह छूट उस समय दी जाती है जब माल इकट्ठा अर्थात बड़ी मात्रा में खरीदा जाता है। यह छूट नकद एवं उधार दोनों ही प्रकार के लेनदेनों पर दी जाती है क्योंकि यह क्रय से सम्बन्धित है भुगतान से नहीं। व्यापारिक छूट की अलग से कोई प्रविष्टि नहीं बनाई जाती, क्योंकि इसे कैश मेमो या बेजक में से ही घटा दिया जाता है।
उदाहरण के लिए, एक व्यापारी ₹ 1,00,000 का माल 20% व्यापारिक छूट पर नकद में बेचता है तो इसके लिए निम्न प्रविष्टि की जाएगी-

     Cash A/c.                    Dr.         80,000
            To Sales A/c                                 80,000

जब व्यापारिक छूट के अंतर्गत बेचा गया माल वापिस आ जाता है तो विक्रय वापसी पर भी माल के सूची मूल्य में से व्यापारिक छूट घटाई जाती है।


(2) नकद छूट (Cash Discount):- निश्चित समय पर अथवा शीघ्र भुगतान प्राप्त करने के लिए व्यापारी कुल रकम में से कुछ छूट दे देते हैं। इसे नकद छूट कहते हैं। यह छूट तभी दी जाती है जब ग्राहक एक निश्चित समय मे भुगतान कर दे। ऐसी छूट ग्राहक को शीघ्र भुगतान करने के लिए प्रेरित करती है। क्योंकि यह छूट रुपये के भुगतान के समय दी जाती है अतः नकद छूट की प्रविष्टि भी भुगतान के साथ ही कि जाति है। छूट खाता एक नाममात्र खाता होता है अतः जब हम छूट देते हैं तो यह व्यय होती है और हम छूट खाते को डेबिट करते हैं और जब हमें छूट प्राप्त होती है तो यह आय होती है और तब हम छूट खाते को क्रेडिट करते हैं।


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संयुक्त या मिश्रित प्रविष्टियाँ क्या है ?- What is Compound Entries?

कई बार एक ही तिथि को दो या दो से अधिक ऐसे लेन-देन होते हैं जो प्रायः एक ही खाते से सम्बन्धित होते हैं। इनकी अलग-अलग प्रविष्टियां करने की बजाए एक ही प्रविष्टि कर दी जाती है। इसे मिश्रित प्रविष्टि कहा जाता है।

उदाहरण के लिए:-
31 मार्च को ₹50,000 वेतन के तथा ₹20,000 किराए के दिए, तो इसकी निम्न प्रविष्टि होगी-

31st March
               Salary A/c          Dr.        50,000
               Rent A/c             Dr.         20,000
                           To Cash A/c.                  70,000
                          (Expenses paid)

मिश्रित प्रविष्टियां निम्न दशाओं में बनाई जा सकती हैं:- 
1. जब एक खाता डेबिट तथा दो या दो से अधिक खाते क्रेडिट हों।
2. जब एक खाता क्रेडिट तथा दो या दो से अधिक खाते डेबिट हों।
3. जब दो या दो से अधिक खाते डेबिट तथा दो या दो से अधिक खाते क्रेडिट हों।


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