छूट अथवा कटौती दो प्रकार की होती है:-(1) व्यापारिक छूट (Trade Discount)
(2) नकद छूट (Cash Discount)
(1) व्यापारिक छूट (Trade Discount):- यह छूट थोक व्यापारी अथवा निर्माता द्वारा सूची मूल्य (List Price) पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में फुटकर व्यापारी को दी जाती है। यह छूट उस समय दी जाती है जब माल इकट्ठा अर्थात बड़ी मात्रा में खरीदा जाता है। यह छूट नकद एवं उधार दोनों ही प्रकार के लेनदेनों पर दी जाती है क्योंकि यह क्रय से सम्बन्धित है भुगतान से नहीं। व्यापारिक छूट की अलग से कोई प्रविष्टि नहीं बनाई जाती, क्योंकि इसे कैश मेमो या बेजक में से ही घटा दिया जाता है।
उदाहरण के लिए, एक व्यापारी ₹ 1,00,000 का माल 20% व्यापारिक छूट पर नकद में बेचता है तो इसके लिए निम्न प्रविष्टि की जाएगी-
Cash A/c. Dr. 80,000
To Sales A/c 80,000
जब व्यापारिक छूट के अंतर्गत बेचा गया माल वापिस आ जाता है तो विक्रय वापसी पर भी माल के सूची मूल्य में से व्यापारिक छूट घटाई जाती है।
(2) नकद छूट (Cash Discount):- निश्चित समय पर अथवा शीघ्र भुगतान प्राप्त करने के लिए व्यापारी कुल रकम में से कुछ छूट दे देते हैं। इसे नकद छूट कहते हैं। यह छूट तभी दी जाती है जब ग्राहक एक निश्चित समय मे भुगतान कर दे। ऐसी छूट ग्राहक को शीघ्र भुगतान करने के लिए प्रेरित करती है। क्योंकि यह छूट रुपये के भुगतान के समय दी जाती है अतः नकद छूट की प्रविष्टि भी भुगतान के साथ ही कि जाति है। छूट खाता एक नाममात्र खाता होता है अतः जब हम छूट देते हैं तो यह व्यय होती है और हम छूट खाते को डेबिट करते हैं और जब हमें छूट प्राप्त होती है तो यह आय होती है और तब हम छूट खाते को क्रेडिट करते हैं।